उत्तरी राज्यों में मूसलधार बारिश का कहर, हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में, यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़

कुल मिलाकर कई राज्यों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू शहर में गुरुवार को हुए भीषण भूस्खलन के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, तीन घायलों को मलबे से बाहर निकाला गया है, जबकि 5 लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पुलिस ने बताया कि भारी बारिश से हुए भूस्खलन में तीन मकान दब गए। यह हादसा इन्नर अखाड़ा बाजार इलाके के पास हुआ।
दूसरी ओर, उत्तराखंड में इस बार मानसून की बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लगातार राज्य के सभी 13 जिलों में भारी बारिश हुई। भारी बारिश के चलते सड़कों, पुलों, घरों, खेतों, होटल, होम स्टे और दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। 5 और 6 सितंबर के लिए देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य के मौसम विभाग के मुताबिक 10 सितंबर तक बारिश से राहत मिलेगी। कुछ जिलों में हल्की बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। उत्तराखंड मौसम विभाग के निदेशक सीएस तोमर ने बताया कि अगले हफ्ते से बारिश में कमी आने की उम्मीद है।


राजस्थान में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी
मौसम विभाग ने राजस्थान के कई हिस्सों में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने गुरुवार को बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सलूंबर और उदयपुर जिलों में अति भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ घोषित किया। इसके अलावा सिरोही, नागौर, पाली और टोंक समेत करीब दर्जनभर जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है।
विभाग के अनुसार आने वाले तीन से चार दिन कोटा और उदयपुर संभागों के कुछ इलाकों में मध्यम से भारी तथा कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं जयपुर, भरतपुर और अजमेर संभागों के कुछ क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
जोधपुर और बीकानेर संभागों के कुछ हिस्सों में भी आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियां तेज होंगी। खासकर जोधपुर संभाग में 5 से 7 सितंबर तक कई स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश होने का अनुमान है।

कश्मीर घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूटा
लगातार बारिश के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई प्रमुख सड़कों पर भूस्खलन और मलबा आने से यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। इसके कारण कश्मीर घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। वहीं, जम्मू रेलवे मंडल में रेल यातायात बीते नौ दिनों से बंद है। 26 अगस्त को भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद पठानकोट-जम्मू खंड में कई जगह पटरियां धंस गई थीं।
इधर, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रतले बिजली परियोजना के अस्थायी शेड भूस्खलन की चपेट में आ गए। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के बीच संभावित बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाए हैं। दिल्ली के सभी 13 नियामक नालों (रेगुलेटर ड्रेन्स) को बंद कर दिया गया है। साथ ही वासुदेव घाट से यमुना तट तक फैले वर्षा जल निकासी नालों के मुहानों पर बालू से भरे बोरे रखे गए हैं, ताकि नदी का पानी शहर के निचले इलाकों में वापस न घुस सके।
दिल्ली में यमुना में गिरने वाले 13 नियामक नालों में मैग्जीन रोड नाला, पुराना चंद्रावल नाला, खैबर पास नाला, मेटकॉफ हाउस ड्रेन, कुदसिया घाट नाला, विजय घाट नाला, टोंगा स्टैंड नाला, सिविल मिलिट्री नाला, दिल्ली गेट नाला, सेन नर्सिंग होम नाला, नाला संख्या 12-ए, नाला संख्या 14 और रेगुलेटर नंबर 2800 शामिल हैं।
पंजाब में बाढ़ से बुरा हाल
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब के अमृतसर और गुरदासपुर जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और प्रभावित किसानों व स्थानीय लोगों से बातचीत की।
पंजाब सरकार ने मौजूदा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य के सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की छुट्टियां 7 सितंबर तक बढ़ा दी हैं। वहीं, हरियाणा में लोक स्वास्थ्य एवं इंजीनियरिंग मंत्री रणबीर गंगवा ने बुधवार को आपात बैठक कर अधिकारियों को तत्काल जल निकासी और पूरे राज्य में पीने के पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
